Tenant Rights 2025 – अगर आप किराए के घर में रहते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अब जमाना बदल रहा है, और किराएदारों को भी अपने हक पता होना चाहिए। मकान मालिक की मनमानी और रोज-रोज की टेंशन से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने किराएदारों को कुछ मजबूत कानूनी अधिकार दिए हैं। आइए जानते हैं कि आपके पास कौन-कौन से अधिकार हैं जो आपको मकान मालिक के सामने मजबूती से खड़ा करते हैं।
1. निजता का अधिकार – घर में आपकी मर्जी चलेगी
किराएदार होने का मतलब यह नहीं कि आपकी निजता खत्म हो गई। कानून साफ कहता है कि बिना आपकी इजाजत के मकान मालिक घर में नहीं घुस सकता। यह आपका संवैधानिक अधिकार है। सिर्फ आपात स्थिति में, वो भी आपको पहले से बताकर ही एंट्री ले सकता है।
अगर कोई मकान मालिक बिना बताए बार-बार आ जाता है या दरवाजा खटखटाता है, तो आप इसका विरोध कर सकते हैं। और हां, अगर वह किराया बढ़ाना चाहता है तो उसे कम से कम तीन महीने पहले नोटिस देना होगा – वो भी लिखित में। सब कुछ रेंट एग्रीमेंट में लिखा होना चाहिए।
2. अचानक बेदखली नहीं होगी – घर से निकालने के लिए कानून की जरूरत
कई बार मकान मालिक गुस्से में आकर किराएदार को निकालने की धमकी देता है। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। अगर आपका रेंट एग्रीमेंट वैध है, तो मकान मालिक आपको एक झटके में नहीं निकाल सकता। उसे सही वजह बतानी होगी, लिखित में नोटिस देना होगा और आपको जवाब देने का मौका देना पड़ेगा।
दो महीने तक किराया ना देने, प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने या रेंट एग्रीमेंट की शर्तें तोड़ने जैसी खास वजहों पर ही वो आपको निकाल सकता है – वो भी पूरा कानूनी प्रोसेस फॉलो करके।
3. जरूरी सुविधाएं मिलना आपका हक है
किराएदार होने का मतलब यह नहीं कि आप बिजली, पानी या सफाई जैसी चीजों के लिए मकान मालिक के भरोसे रहो। अगर आप किराया दे रहे हैं तो बिजली-पानी, शौचालय और सफाई जैसी बेसिक सुविधाएं मिलना आपका हक है। मकान मालिक इनसे आपको वंचित नहीं कर सकता।
अगर वो फिर भी लापरवाही करता है या जानबूझकर सुविधा नहीं देता तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। रेंट एग्रीमेंट बनवाते वक्त इन बातों को जरूर लिखवाएं ताकि बाद में कोई झंझट ना हो।
4. परिवार की सुरक्षा – किराएदार की मौत पर भी मकान नहीं छिनेगा
अगर किराएदार की मौत हो जाती है तो उसका परिवार अचानक बेघर नहीं होगा। कानून कहता है कि रेंट एग्रीमेंट की बची हुई अवधि तक परिवार घर में रह सकता है और उसके किसी सदस्य के नाम पर नया एग्रीमेंट बन सकता है।
इसका मकसद यह है कि परिवार को मुश्किल वक्त में कम से कम घर के लिए परेशान न होना पड़े। और हां, इस दौरान किराया वही रहेगा जो पहले तय हुआ था – मकान मालिक कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगा सकता।
5. सिक्योरिटी डिपॉजिट की वापसी – बिना वजह पैसा नहीं काट सकते
जब आप घर किराए पर लेते हैं, तो आमतौर पर मकान मालिक एक दो महीने का किराया एडवांस के रूप में लेता है जिसे सिक्योरिटी डिपॉजिट कहते हैं। अब अगर आपने घर को सही हालत में वापस किया है तो मकान मालिक पूरा पैसा लौटाने का पाबंद है।
अगर उसने कोई नुकसान बताया है, तो उसे सबूत देने होंगे और नुकसान के हिसाब से ही पैसा काट सकता है। नहीं तो आप उसके खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में भी शिकायत कर सकते हैं। घर खाली करने से पहले तस्वीरें या वीडियो लेना अच्छा आइडिया है – ताकि आपके पास सबूत हों।
अब समय आ गया है कि किराएदार अपने अधिकारों के बारे में जानें और मकान मालिक के हर अनफेयर बिहेवियर का सही तरीके से जवाब दें। रेंट एग्रीमेंट जरूर बनवाएं, हर बात लिखित में रखें और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना सीखें। तभी आप बिना किसी डर के चैन से अपने किराए के घर में रह सकेंगे।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। राज्य विशेष में किराए से जुड़े कानून अलग हो सकते हैं और समय के साथ इनमें बदलाव भी हो सकते हैं। किसी भी कानूनी विवाद के मामले में किसी योग्य वकील या कानूनी सलाहकार की मदद लेना बेहतर रहेगा।