Savings Account – आज के डिजिटल ज़माने में बैंकिंग बहुत आसान हो गई है। लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं, नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं और कैश की जगह डिजिटल पेमेंट को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। लेकिन फिर भी नकद जमा करना या निकालना आम बात है, खासकर तब जब कोई बड़ी रकम ट्रांसफर करनी हो या अचानक कैश की जरूरत पड़े। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक खाते में एक साथ ज्यादा पैसे जमा करने पर आयकर विभाग आपकी हरकतों पर नजर रखता है? और कई बार इतने पैसे जमा करने पर विभाग आपको नोटिस भी भेज सकता है? चलिए आज इसी बारे में विस्तार से बात करते हैं ताकि आपको पता चले कि अपने सेविंग्स अकाउंट में नकद जमा करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बैंक खाते में नकद जमा करने की सीमा कितनी है?
सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि सरकार ने नकद जमा-निकासी पर कुछ सीमाएं तय की हैं, ताकि कालेधन और टैक्स चोरी पर रोक लगाई जा सके। आयकर विभाग हर साल बड़े नकद लेनदेन पर खास नजर रखता है।
- वार्षिक नकद जमा सीमा: किसी भी व्यक्ति के सभी बैंक खातों में कुल मिलाकर वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च तक) के दौरान नकद जमा या निकासी की सीमा 10 लाख रुपये तय है। इसका मतलब यह है कि आपके पास अगर एक से ज्यादा बैंक खाते भी हैं, तो उन सभी में जमा नकद का कुल योग 10 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
- अगर यह सीमा पार हुई, तो क्या होगा? बैंक को ऐसे बड़े लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। विभाग आपके लेनदेन की जांच कर सकता है और अगर वह नकद का वैध स्रोत नहीं पाता, तो आपको नोटिस भेज सकता है।
दैनिक नकद जमा की शर्तें क्या हैं?
सिर्फ वार्षिक सीमा ही नहीं, बल्कि एक दिन में नकद जमा करने की भी सीमा है।
- यदि आप एक दिन में 50,000 रुपये से ज्यादा नकद जमा करते हैं, तो बैंक आपसे आपका पैन कार्ड मांगेंगे।
- पैन कार्ड न होने पर आपको फॉर्म 60 या 61 भरना होगा। ये फॉर्म आपकी पहचान और ट्रांजैक्शन की जानकारी बैंक को देते हैं।
- यह नियम सभी प्रकार के खातों पर लागू होता है, चाहे वो सेविंग्स अकाउंट हो, करंट अकाउंट हो या फिर फिक्स्ड डिपॉजिट।
इस नियम का मकसद है कि बैंक और सरकार को पता चले कि बड़े नकद लेनदेन के पीछे कौन है और उसकी वैधता क्या है।
नकद प्राप्ति की 2 लाख रुपये की सीमा
आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत एक दिन में किसी व्यक्ति को नकद के रूप में 2 लाख रुपये से ज्यादा लेना या देना गैरकानूनी है।
- चाहे वह किसी भी लेनदेन का हिस्सा हो, आप 2 लाख से अधिक नकद नहीं ले सकते।
- अगर आप कोई व्यापार करते हैं और कोई ग्राहक या खरीदार आपको 2 लाख से ज्यादा नकद देना चाहता है, तो उसे स्वीकार करना सही नहीं होगा। इसके बजाय चेक, ऑनलाइन ट्रांसफर या डिमांड ड्राफ्ट का उपयोग करें।
- इस नियम का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लग सकता है, जो 2 लाख रुपये तक हो सकता है।
आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर क्या करें?
अगर आपने अनजाने में या जानबूझकर ज्यादा नकद जमा कर दिया और आपको आयकर विभाग से नोटिस आ गया, तो घबराएं नहीं।
- नोटिस को अच्छे से पढ़ें और समझें कि विभाग क्या जानकारी मांग रहा है।
- आपको अपने नकद जमा करने का स्रोत साबित करना होगा। इसके लिए जरूरी दस्तावेज जैसे बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप, प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट, निवेश के प्रमाण आदि तैयार रखें।
- अगर नकद किसी प्रॉपर्टी की बिक्री या निवेश की मेच्योरिटी से आया है, तो उसके सभी कागजात साथ रखें।
- समय रहते विभाग को सही जानकारी और दस्तावेज देने से मामले का समाधान हो सकता है।
- यदि मामला जटिल हो तो किसी टैक्स सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लेना अच्छा रहेगा।
नकद जमा के वैध स्रोत क्या हो सकते हैं?
आयकर विभाग को सबसे ज्यादा उन नकद जमा पर शक होता है, जिनका स्रोत साफ नहीं होता।
- वैध स्रोतों में आपकी सैलरी, व्यापारिक आय, प्रॉपर्टी की बिक्री, निवेश की बिक्री, उपहार, वसीयत आदि शामिल हैं।
- इन सभी के लिए प्रमाण जरूरी होता है, ताकि आप दिखा सकें कि आपकी आय वैध है।
- उदाहरण के लिए, अगर आपने कोई जमीन या मकान बेचा है तो सेल डीड, रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट और पेमेंट रिसीप्ट संभाल कर रखें।
- निवेश की बिक्री या डिमैच में मिले पैसे के प्रमाण भी साथ रखें।
नकद जमा करते वक्त ये सावधानियां जरूर रखें
- बड़ी रकम नकद में जमा करने से बचें। डिजिटल पेमेंट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
- अगर नकद जमा करना जरूरी हो, तो उसे छोटे हिस्सों में बांटकर करें, ताकि बैंक को एकदम ज्यादा रकम जमा होते हुए न दिखे।
- हमेशा नकद के स्रोत के दस्तावेज अपने पास रखें।
- संदिग्ध लेनदेन से बचें और केवल वैध आय ही बैंक में जमा करें।
- व्यापारी होने पर अपने सारे ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड सही रखें, बिल और वाउचर सुरक्षित रखें।
- टैक्स रिटर्न फाइल करते समय सभी आय की सही जानकारी दें, ताकि भविष्य में कोई समस्या न आए।
बैंक खाते में एक साथ ज्यादा नकद जमा करना आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। खासकर अगर आप 10 लाख रुपये वार्षिक नकद जमा सीमा या 50,000 रुपये दैनिक सीमा से ऊपर जाकर नकद जमा करते हैं, तो आयकर विभाग आपकी ट्रांजैक्शन पर नजर रखेगा।किसी भी नोटिस या पूछताछ की स्थिति में सही दस्तावेज और वैध स्रोत दिखाना बेहद जरूरी है। इसलिए कोशिश करें कि डिजिटल माध्यमों से लेनदेन करें और नकद जमा को सीमित रखें।
यदि आप व्यापारी हैं तो अपने सभी ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड व्यवस्थित रखें और सभी नियमों का पालन करें। यह आपको बचाएगा अनावश्यक परेशानी से और आपके वित्तीय जीवन को बनाएगा सुरक्षित और साफ।