Property Occupied – आज के दौर में अगर आपके पास कोई जमीन या मकान है, तो सिर्फ मालिक होना काफी नहीं है, आपको सजग और सतर्क भी रहना पड़ेगा। खासकर तब, जब आप उस प्रॉपर्टी से दूर रहते हैं या वहां नियमित रूप से नहीं जाते। क्योंकि आजकल प्रॉपर्टी पर कब्जा करने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई बार तो अपना ही रिश्तेदार, किरायेदार या जान-पहचान वाला मौका देखकर आपकी गैरमौजूदगी में जमीन या मकान पर कब्जा जमा लेता है।
लेकिन घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है। भारतीय कानून में ऐसे कब्जाधारियों के खिलाफ सख्त प्रावधान मौजूद हैं। अगर आप सही समय पर सही कदम उठाते हैं, तो अपनी जमीन दोबारा पाना मुश्किल नहीं है।
कब्जा हो गया है? सबसे पहले करें ये काम
मान लीजिए आपको किसी से पता चला कि आपकी जमीन या मकान पर कोई और रह रहा है या उसने वहां निर्माण शुरू कर दिया है, तो सबसे पहले घबराएं नहीं। सबसे जरूरी है, सबूत इकट्ठा करना। ये रहे कुछ जरूरी दस्तावेज और चीजें जो आपके काम आएंगी:
- रजिस्ट्री की कॉपी या सेल डीड
- प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें
- बिजली, पानी या गैस के पुराने बिल
- पुराने फोटो या वीडियो (अगर मौजूद हों)
- गवाहों के बयान (जैसे पड़ोसी, मकान मालिक आदि)
अगर आपने किसी को किराए पर मकान दिया था, तो रेंट एग्रीमेंट भी अहम सबूत बन सकता है। कोशिश करें कि कभी भी किसी को बिना एग्रीमेंट के प्रॉपर्टी न सौंपें।
पुलिस के पास जाएं – पहला कदम
अगर कोई व्यक्ति आपकी जमीन या मकान पर जबरन कब्जा कर रहा है, तो सबसे पहला कदम है – पुलिस में लिखित शिकायत करना। आप अपने नजदीकी थाने में जाकर FIR दर्ज करवा सकते हैं। पुलिस चाहे तो तुरंत मौके पर जाकर कार्रवाई भी कर सकती है।
कानूनी धाराएं जो ऐसे मामलों में लगती हैं:
- IPC 420 – धोखाधड़ी से कब्जा करने पर
- IPC 467 – फर्जी दस्तावेजों से कब्जा
- IPC 441 – गैरकानूनी रूप से घुसपैठ करने पर
- IPC 447 – जबरन एंट्री करने पर
इन धाराओं के तहत केस दर्ज कर आरोपी को जेल तक भेजा जा सकता है।
अगर पुलिस नहीं सुन रही, तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं
कई बार पुलिस में शिकायत देने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती, या फिर जानबूझकर मामले को टाल दिया जाता है। ऐसे में आपके पास कोर्ट जाने का विकल्प खुला है। आपको सिविल कोर्ट में जाकर प्रॉपर्टी राइट्स के तहत केस दायर करना होगा। इसमें कोर्ट से आप यह मांग कर सकते हैं कि कब्जा हटाया जाए और संपत्ति आपको वापस सौंपी जाए।
अगर कोर्ट को लगता है कि आप असली मालिक हैं और आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज मौजूद हैं, तो कोर्ट कब्जाधारी को तुरंत हटाने का आदेश दे सकता है। जरूरत पड़ने पर कोर्ट पुलिस की मदद से प्रॉपर्टी खाली भी करवाता है।
कब्जा हटाने के लिए कौन-कौन से केस किए जा सकते हैं?
- सिविल केस – प्रॉपर्टी रिकवरी के लिए
- क्रिमिनल केस – फर्जीवाड़ा या जबरदस्ती कब्जा करने पर
- इंजंक्शन केस – आगे किसी तरह के निर्माण या कब्जे को रोकने के लिए
कब्जा रोकने के लिए अपनाएं ये टिप्स
- प्रॉपर्टी को लावारिस न छोड़ें: समय-समय पर जाकर विजिट करते रहें।
- पड़ोसियों को जानकारी दें: अपने आस-पास के लोगों को बताएं कि ये प्रॉपर्टी आपकी है।
- दस्तावेज अपडेट रखें: रजिस्ट्री, बिल, टैक्स रसीदें और फोटो संभाल कर रखें।
- किराए पर देने से पहले एग्रीमेंट और पुलिस वेरिफिकेशन जरूर करें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस और वकील को दें।
- बिना लिखित अनुबंध के किसी को कब्जा न दें।
कौन लोग होते हैं कब्जे के सबसे बड़े खतरे?
- पुराने किरायेदार जो निकलने का नाम नहीं लेते
- रिश्तेदार जो ‘अपने हक’ का दावा करने लगते हैं
- भू-माफिया या स्थानीय दबंग
- बिचौलिए जो प्रॉपर्टी को सस्ते में हड़पना चाहते हैं
एक और जरूरी बात
अगर आपकी जमीन कई सालों तक खाली पड़ी रही और उस पर किसी ने 20 साल से अधिक समय तक कब्जा बनाए रखा और आप कानूनन कुछ नहीं कर पाए, तो वो व्यक्ति “Adverse Possession” कानून का हवाला देकर मालिकाना हक का दावा कर सकता है। इसलिए जमीन को यूं ही ना छोड़ें, वहां कुछ न कुछ हलचल बनी रहनी चाहिए
आपकी जमीन आपकी सबसे बड़ी पूंजी है। उस पर कोई और कब्जा कर ले, इससे बड़ी चिंता की बात क्या हो सकती है। लेकिन भारतीय कानून आपकी पूरी मदद करता है – बस जरूरी है कि आप सही समय पर, सही दस्तावेजों के साथ, सही एक्शन लें। पुलिस, कोर्ट और वकील – ये तीनों आपके पक्ष में हो सकते हैं अगर आपने तैयारी सही की हो।
तो अगली बार अगर किसी ने आपकी प्रॉपर्टी पर नजर डाली, तो घबराएं नहीं, कानून का सहारा लें और हक से कहें – “ये मेरी जमीन है, और रहेगी भी।”