Petrol Diesel Prices – अगर आप भी रोजाना गाड़ी चलाते हैं या फिर किसी बिजनेस में ट्रांसपोर्ट की अहम भूमिका है, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जी हां, सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत देते हुए इसमें कटौती कर दी है, और ये नए रेट्स आज यानी 1 जून 2025 से पूरे देश में लागू हो चुके हैं। इससे न केवल आपकी जेब पर बोझ कम होगा, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था में भी थोड़ी राहत की उम्मीद की जा रही है।
चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि किस शहर में कितना सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, और इसका क्या फायदा है।
आपके शहर में पेट्रोल-डीजल के नए रेट
सरकार की ओर से दी गई राहत के बाद देशभर के प्रमुख शहरों में ईंधन की कीमतों में थोड़ा-थोड़ा फर्क देखने को मिला है। हालांकि ये कटौती बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन जब बात हर दिन के खर्च की हो, तो ये छोटे बदलाव भी काफी मायने रखते हैं।
शहर | पेट्रोल (पुराना) | पेट्रोल (नया) | डीजल (पुराना) | डीजल (नया) | कमी (पेट्रोल) | कमी (डीजल) |
---|---|---|---|---|---|---|
दिल्ली | ₹97.00 | ₹96.72 | ₹89.62 | ₹88.24 | ₹0.28 | ₹1.38 |
मुंबई | ₹106.41 | ₹106.31 | ₹94.27 | ₹92.96 | ₹0.10 | ₹1.31 |
कोलकाता | ₹106.35 | ₹106.03 | ₹92.76 | ₹91.34 | ₹0.32 | ₹1.42 |
चेन्नई | ₹102.70 | ₹102.63 | ₹94.24 | ₹92.83 | ₹0.07 | ₹1.41 |
बेंगलुरु | ₹102.15 | ₹101.94 | ₹92.54 | ₹91.12 | ₹0.21 | ₹1.42 |
आम लोगों को होगा सीधा फायदा
अब जब पेट्रोल-डीजल के दाम घटे हैं, तो सबसे पहले इसका असर आम इंसान की जेब पर पड़ेगा। जो लोग बाइक या कार से रोजाना सफर करते हैं, उन्हें महीने में कुछ सौ रुपये की बचत हो सकती है। साथ ही:
- ट्रांसपोर्टेशन सस्ता होगा, जिससे जरूरी चीजों जैसे सब्जी, दूध, अनाज वगैरह की कीमतों में भी गिरावट आ सकती है।
- किसानों को राहत मिलेगी क्योंकि ट्रैक्टर और सिंचाई उपकरणों के लिए डीजल कम खर्चीला हो जाएगा।
- कैब और बस सर्विस सस्ती हो सकती हैं, जिससे यात्रा करना किफायती हो जाएगा।
कीमतें क्यों घटीं? ये हैं बड़ी वजहें
सरकार हर बार कीमत घटाने या बढ़ाने के पीछे कुछ ठोस वजहें देती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: पिछले कुछ महीनों में क्रूड ऑयल की कीमत में लगातार गिरावट आ रही है। इसका असर घरेलू ईंधन दरों पर भी पड़ा है।
- सरकार की टैक्स नीति में बदलाव: टैक्स में थोड़ा बदलाव कर सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने की कोशिश की है। कई बार राज्यों द्वारा वैट कम करने पर भी असर पड़ता है।
- डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिरता: जब डॉलर की कीमत में उतार-चढ़ाव कम होता है, तो ईंधन की इंपोर्ट लागत घटती है, जिससे कीमतें स्थिर रह सकती हैं।
महंगाई पर लगाम लगाने की कोशिश
ईंधन की कीमतों में थोड़ी राहत मिलने से सरकार को उम्मीद है कि महंगाई दर को थोड़ा काबू में रखा जा सकेगा। क्योंकि ट्रांसपोर्ट महंगा होगा तो हर चीज की कीमत बढ़ेगी, और जब ट्रांसपोर्ट सस्ता होगा तो जरूरी सामान की कीमतें भी धीरे-धीरे कम हो सकती हैं।
आर्थिक स्थिति पर असर
इस तरह की कटौती का असर देश की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है। लोग जब ईंधन पर कम खर्च करेंगे, तो बाकी चीजों पर खर्च बढ़ेगा, जिससे बाजार में पैसे का फ्लो बना रहेगा। इससे सरकार को टैक्स कलेक्शन में भी सुधार मिल सकता है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में यह मामूली कटौती भले ही ज्यादा बड़ी न लगे, लेकिन इसका असर धीरे-धीरे हर वर्ग तक पहुंचेगा। चाहे आप ऑफिस जाने वाले कर्मचारी हों, किसान हों, ट्रांसपोर्टर हों या घरेलू महिला – ये राहत सभी के लिए मायने रखती है। सरकार का ये कदम फिलहाल सकारात्मक संकेत दे रहा है, आगे क्या होगा ये तेल के वैश्विक बाजार और सरकार की नीति पर निर्भर करेगा।