New UPI Rule – आजकल हममें से ज्यादातर लोग हर छोटी-बड़ी खरीदारी के लिए Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे UPI ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। चाय वाले से लेकर मॉल तक, हर जगह UPI स्कैनर मिल जाता है और हमें कैश लेकर चलने की जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन अगर आप भी हर दिन UPI से पेमेंट करते हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 जून 2025 से कुछ नए नियम लागू करने का ऐलान किया है। इन नियमों का सीधा असर आपके UPI इस्तेमाल पर पड़ेगा, खासकर अगर आप दिनभर में कई बार ट्रांजैक्शन करते हैं या बैलेंस चेक करते रहते हैं।
चलिए, आपको पूरी जानकारी सरल भाषा में समझाते हैं।
अब बैलेंस चेक करने पर लगेगी लिमिट
सबसे पहले बात करते हैं बैलेंस चेक करने की। अभी तक आप जब चाहें, जितनी बार चाहें, अपने बैंक बैलेंस को चेक कर सकते हैं। लेकिन अब NPCI ने तय किया है कि 1 दिन में एक ऐप से आप सिर्फ 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे।
यह लिमिट कुछ लोगों के लिए ठीक है, लेकिन जो लोग व्यापारी हैं या दिनभर पैसों का लेन-देन करते हैं, उनके लिए यह सीमा परेशान कर सकती है।
इतना ही नहीं, NPCI ने ये भी कहा है कि पीक ऑवर्स यानी:
- सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक
- शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक
इन टाइम्स में बैलेंस चेक की सुविधा पूरी तरह बंद की जा सकती है।
ट्रांजैक्शन स्टेटस देखने पर भी लगी सीमा
कभी-कभी पेमेंट करते वक्त ट्रांजैक्शन पेंडिंग में चला जाता है और हम बार-बार स्टेटस चेक करते रहते हैं। अब इस आदत पर भी रोक लगने वाली है।
नया नियम यह कहता है कि एक ट्रांजैक्शन का स्टेटस आप अधिकतम तीन बार ही चेक कर सकते हैं, वो भी 2 घंटे के भीतर।
अगर आपने पेमेंट किया और वह फेल हो गया या पेंडिंग है, तो तीन बार से ज़्यादा स्टेटस चेक करने का ऑप्शन नहीं होगा।
ऑटोपे सुविधा में भी होंगे बदलाव
आजकल Netflix, Amazon Prime जैसी सर्विसेज़ के सब्सक्रिप्शन, बिजली बिल या SIP जैसे इन्वेस्टमेंट्स के लिए UPI AutoPay फीचर काफी इस्तेमाल होता है। लेकिन इसमें भी बड़ा बदलाव आने वाला है।
अब से:
- AutoPay केवल नॉन-पीक ऑवर्स में ही प्रोसेस किया जाएगा।
- यदि कोई पेमेंट पीक टाइम में होना है, तो वो रुक जाएगा और नॉन-पीक टाइम में ही प्रोसेस होगा।
- एक AutoPay ट्रांजैक्शन को तीन बार तक प्रोसेस किया जाएगा। अगर तीन बार में भी पेमेंट नहीं हो पाया, तो वह फेल मान लिया जाएगा।
बैंकों पर बढ़ी जिम्मेदारी
इन नए नियमों के साथ-साथ NPCI ने बैंकों को भी सख्त निर्देश दिए हैं। अब:
- हर ट्रांजैक्शन के बाद तुरंत SMS या नोटिफिकेशन से बैलेंस अलर्ट भेजना जरूरी होगा।
- यदि किसी तकनीकी खराबी के कारण ट्रांजैक्शन फेल हो रहा है, तो उसे तुरंत क्लियर करना होगा।
- बैंकों को अपनी टेक्नोलॉजी को भी अपग्रेड करना होगा ताकि ग्राहक को किसी तरह की परेशानी न हो।
क्यों हो रहे हैं ये बदलाव?
NPCI के मुताबिक UPI का इस्तेमाल हर साल तेजी से बढ़ रहा है। खासकर कोविड के बाद लोग कैश से ज्यादा डिजिटल पेमेंट को तवज्जो दे रहे हैं।
हर दिन अरबों रुपये का लेन-देन UPI के माध्यम से हो रहा है और यही वजह है कि सिस्टम पर बहुत लोड बढ़ गया है।
जब लोग बार-बार बैलेंस चेक या स्टेटस चेक करते हैं, तो इससे नेटवर्क स्लो हो जाता है और कई बार ट्रांजैक्शन फेल हो जाते हैं।
इसी वजह से NPCI ने तय किया है कि:
- गैर-जरूरी फीचर्स पर रोक लगाकर
- ज़रूरी पेमेंट फीचर्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
क्या होगा इन बदलावों का असर?
शुरुआत में कुछ लोगों को थोड़ी परेशानी जरूर होगी, लेकिन लंबे समय में इससे UPI सिस्टम और ज्यादा तेज, सुरक्षित और स्थिर हो जाएगा।
- अब आपका असली ट्रांजैक्शन फेल नहीं होगा
- बैलेंस चेक जैसी चीजें बार-बार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी
- बैंक और UPI ऐप्स की सर्विस क्वालिटी बेहतर होगी
क्या करें UPI यूज़र्स?
अगर आप भी Google Pay, PhonePe या Paytm यूज़र हैं तो आपको अभी से कुछ बातें ध्यान रखनी होंगी:
- बिना जरूरत बार-बार बैलेंस चेक न करें
- ट्रांजैक्शन के तुरंत बाद बार-बार स्टेटस चेक न करें
- AutoPay सेट करते समय टाइमिंग को ध्यान में रखें
- बैंक और ऐप की नोटिफिकेशन को पढ़ें
- किसी भी दिक्कत पर ग्राहक सेवा से संपर्क करें
UPI एक शानदार तकनीक है जिसने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है। लेकिन अब जब इसका उपयोग बहुत ज्यादा हो गया है, तो सिस्टम को बनाए रखने के लिए कुछ सीमाएं जरूरी हो गई हैं।
ये बदलाव अस्थायी हैं और जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी और मजबूत होगी, संभव है कि NPCI इन सीमाओं को फिर से संशोधित करे।
तब तक के लिए थोड़ा संयम रखें, नियमों का पालन करें और डिजिटल पेमेंट का सुरक्षित और स्मार्ट तरीके से आनंद लें।