LPG Delivery Fraud – एलपीजी यानी घरेलू गैस सिलेंडर अब हर घर की ज़रूरत नहीं बल्कि दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। चाहे शहर हो या गांव, हर जगह खाना बनाने के लिए एलपीजी सिलेंडर का ही सहारा लिया जाता है। खासतौर पर उज्ज्वला योजना के आने के बाद से ग्रामीण इलाकों में भी एलपीजी का चलन बहुत बढ़ गया है। लेकिन इसी के साथ एक चौंकाने वाला ट्रेंड भी तेजी से सामने आ रहा है – एलपीजी डिलीवरी में धोखाधड़ी।
अगर आपने भी कभी महसूस किया है कि आपका सिलेंडर पहले की तुलना में जल्दी खत्म हो जाता है या फिर 14.2 किलो गैस वाला सिलेंडर 20 दिन भी नहीं चल पाता, तो अब सतर्क हो जाइए। क्योंकि गैस की चोरी अब एक आम समस्या बनती जा रही है, और इससे निपटने के लिए आपको खुद जागरूक होना पड़ेगा।
कैसे होती है गैस की चोरी?
ज्यादातर लोगों को लगता है कि सिलेंडर में अगर सील लगी है, तो सब ठीक है। लेकिन असलियत इससे बिल्कुल अलग है। डिलीवरी बॉय कई बार पहले से ही गैस निकालकर अधूरा सिलेंडर ले आता है, और फिर भी उस पर सील लगवा देता है ताकि उपभोक्ता को शक न हो। आप सोचते हैं कि पूरा सिलेंडर है, लेकिन उसमें 1-2 किलो गैस कम हो सकती है। यही 1-2 किलो कम गैस आपके बजट और सिलेंडर की उम्र दोनों पर भारी पड़ती है।
टेयर वेट को समझना क्यों जरूरी है?
हर सिलेंडर पर ऊपर हैंडल के पास एक नंबर लिखा होता है, जिसे टेयर वेट कहा जाता है। यह उस सिलेंडर का खाली वजन होता है। उदाहरण के लिए अगर किसी सिलेंडर पर टेयर वेट 15.3 किलो लिखा है, और आपको 14.2 किलो गैस मिलनी चाहिए, तो टोटल वजन होना चाहिए 29.5 किलो। अब अगर डिलीवरी बॉय का लाया हुआ सिलेंडर इससे 1-2 किलो हल्का हो, तो साफ है कि गैस कम है।
डिलीवरी पर वज़न चेक कराना आपका हक है
जब भी डिलीवरी बॉय आपके घर सिलेंडर लेकर आए, तो सबसे पहले वजन मंगवाइए। हर डिलीवरी बॉय के पास एक छोटा डिजिटल वज़न तुलने वाला यंत्र होता है। आप उसे कह सकते हैं – “भाईसाहब, पहले तौलो, फिर पेमेंट करूंगा।” अगर वजन सही है तो ठीक, नहीं तो उसे मना कर दीजिए। अगर वह मना करता है, तो उसकी एजेंसी में शिकायत दर्ज कराइए।
जानिए क्या हैं आपके अधिकार
- डिलीवरी के समय वजन जांचना आपका कानूनी हक है।
- टेयर वेट को याद रखें और उसका मिलान ज़रूर करें।
- सील लगी है तो भी सिर्फ उसी पर भरोसा मत करें।
- अगर शक हो तो डिलीवरी बॉय से सवाल करें।
- गैस एजेंसी या हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं।
शिकायत कहां करें?
अगर आपके साथ धोखाधड़ी होती है, तो आप नीचे दिए गए विकल्पों पर संपर्क कर सकते हैं:
- एलपीजी एजेंसी: सबसे पहले अपनी गैस एजेंसी को कॉल करें और समस्या बताएं।
- ऑयल कंपनी का कस्टमर केयर: HP, Bharat Gas और Indane की वेबसाइट्स पर ऑनलाइन शिकायत का विकल्प होता है।
- 1906: यह एलपीजी इमरजेंसी हेल्पलाइन है, जहां शिकायत दर्ज की जा सकती है।
- PG Portal: यह भारत सरकार की शिकायत निवारण प्रणाली है, जहां आप ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
क्यों जरूरी है जागरूकता?
भारत में हर दिन लाखों सिलेंडर की डिलीवरी होती है। अगर हर उपभोक्ता डिलीवरी के समय सिर्फ वजन चेक करने का नियम बना ले, तो इस तरह की चोरी की घटनाओं पर तुरंत लगाम लग सकती है। जितने लोग जागरूक होंगे, उतना ही सिस्टम सुधरेगा। अगर आप चुप रह गए, तो अगली बार औरों के साथ भी यही होगा।
किन लोगों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए?
- ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग: जहां एजेंसी की निगरानी कम होती है।
- वरिष्ठ नागरिक: जो अक्सर सवाल नहीं करते और भरोसा कर लेते हैं।
- महिलाएं: जो आमतौर पर घर में डिलीवरी लेती हैं और तकनीकी बातों से दूर रहती हैं।
एक जागरूक ग्राहक ही सबसे बड़ा हथियार है
अब वक्त है कि हम भी अपने अधिकारों को लेकर सतर्क हो जाएं। डिलीवरी बॉय पर आंख बंद करके भरोसा न करें। हर बार पूछें, तौलें और फिर ही भुगतान करें। जैसे ही आप आवाज उठाते हैं, कंपनी और एजेंसी दोनों सतर्क हो जाती हैं।
तो अगली बार जब सिलेंडर घर आए, तो मुस्कुराकर कहिए – “पहले वजन बताओ, फिर पेमेंट मिलेगा!”
एलपीजी की डिलीवरी में हो रही इस तरह की चोरी को रोकना कोई बड़ी बात नहीं है, बस आपको थोड़ा जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है। अपने अधिकारों को पहचानें और उनका सही इस्तेमाल करें। अगर आप चुप रहेंगे, तो नुकसान आपका ही होगा। लेकिन अगर आपने सही समय पर कदम उठाया, तो आप ही नहीं, हजारों लोग इस फ्रॉड से बच सकते हैं।