Loan EMI Rules – अगर आप बैंक या एनबीएफसी से लोन लेकर हर महीने EMI भरते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी राहत की खबर है। RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन धारकों को ध्यान में रखते हुए नए नियम लागू किए हैं जो 1 तारीख से प्रभावी हो चुके हैं। इन नियमों के तहत अब EMI भरने में देरी होने पर बैंकों की मनमानी पर लगाम लगेगी।
अभी तक जब भी कोई ग्राहक EMI समय पर नहीं भरता था, तो उस पर पेनल ब्याज (Penal Interest) और पेनल चार्ज (Penalty Charges) दोनों लगा दिए जाते थे। कई बार यह चार्ज इतना ज्यादा होता था कि ग्राहकों का लोन और भी महंगा हो जाता था। लेकिन अब RBI ने साफ कर दिया है कि बैंक अब EMI न भर पाने की स्थिति में पेनल ब्याज नहीं वसूल सकते।
अब क्या बदलाव हुआ है?
RBI ने जो नए नियम लागू किए हैं, उनका मुख्य मकसद ग्राहकों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ कम करना और बैंकों की मनमानी पर लगाम लगाना है। चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि इन नियमों से आपको क्या राहत मिलेगी।
1. EMI में देरी पर नहीं लगेगा पेनल ब्याज
अब अगर आप अपनी लोन की EMI समय पर नहीं भर पाते हैं, तो बैंक आपसे अतिरिक्त ब्याज (Penal Interest) नहीं ले सकता। यानी अब EMI भरने में देरी होने पर ब्याज दर में कोई अतिरिक्त प्रतिशत नहीं जोड़ा जाएगा।
2. पेनल चार्ज रहेगा, लेकिन सीमित रूप में
हालांकि RBI ने पेनल ब्याज को खत्म कर दिया है, लेकिन पेनल चार्ज अब भी लिया जा सकेगा। लेकिन यह चार्ज एक निश्चित राशि होगी और इसे लोन की ब्याज दर में शामिल नहीं किया जा सकेगा। यानी बैंक इसे छिपाकर नहीं वसूल सकता।
3. बैंक अब इस चार्ज से मुनाफा नहीं कमा सकते
RBI ने साफ किया है कि ये चार्ज सिर्फ लोन अनुशासन बनाए रखने के लिए है, न कि राजस्व (Revenue) बढ़ाने के लिए। यानी अब बैंक इसका गलत फायदा नहीं उठा सकते।
पेनल चार्ज और पेनल ब्याज में क्या फर्क है?
- पेनल ब्याज: यह उस अतिरिक्त ब्याज को कहते हैं जो EMI की देरी होने पर मूल ब्याज दर में जोड़कर वसूला जाता है। उदाहरण के लिए अगर आपके लोन की ब्याज दर 10% है और बैंक 2% पेनल ब्याज जोड़ देता है, तो आपकी कुल ब्याज दर 12% हो जाती है।
- पेनल चार्ज: यह एक निश्चित रकम होती है, जैसे ₹500 या ₹1000, जो सिर्फ देरी पर लगाई जाती है और इसे ब्याज दर में शामिल नहीं किया जाता।
RBI के नए नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि अब सिर्फ पेनल चार्ज लिया जाएगा, वह भी ट्रांसपेरेंट तरीके से।
बैंक अब क्या नहीं कर पाएंगे?
- EMI भरने में देरी पर ब्याज दर बढ़ाना
- छुपे हुए चार्ज लगाना
- पेनल चार्ज को ब्याज में जोड़ना
- ग्राहकों से ज्यादा वसूली करना
क्या फायदा मिलेगा ग्राहकों को?
- लोन सस्ता होगा, क्योंकि अनावश्यक ब्याज नहीं लगेगा।
- पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों को समझ आ सकेगा कि वह कितना और क्यों भर रहे हैं।
- EMI भरने में थोड़ी देर होने पर मानसिक तनाव नहीं रहेगा।
- बैंक और NBFC की मनमानी पर लगाम लगेगी।
नियम क्यों बदले गए?
पिछले कुछ समय से RBI को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि EMI भरने में थोड़ी सी भी देरी होने पर बैंक भारी-भरकम चार्ज लगा देते हैं। ये चार्ज अक्सर ग्राहकों को बिना पूरी जानकारी दिए ही वसूले जाते हैं। इससे न सिर्फ ग्राहक परेशान होते हैं, बल्कि कई बार EMI भरना और भी मुश्किल हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए RBI ने यह बड़ा फैसला लिया है।
क्या अब भी कोई चार्ज देना होगा?
हाँ, लेकिन वो सिर्फ पेनल चार्ज होगा। उदाहरण के लिए, अगर आपकी EMI ₹10,000 है और आपने दो दिन की देरी की, तो बैंक ₹500 का पेनल चार्ज ले सकता है लेकिन ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होगा।
क्या ये नियम सभी बैंकों पर लागू हैं?
जी हाँ, RBI ने कहा है कि ये नियम सभी बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) पर लागू होंगे और उन्हें सख्ती से इसका पालन करना होगा।
ध्यान देने वाली बातें
- EMI भरने में देर हो तो बैंक की तरफ से आने वाले नोटिफिकेशन को जरूर पढ़ें
- अगर बैंक ब्याज दर बढ़ाकर वसूलता है तो आप इसकी शिकायत RBI में कर सकते हैं
- पेनल चार्ज की पूरी जानकारी लोन एग्रीमेंट में होनी चाहिए, उसे जरूर पढ़ें
अगर आप EMI भरते हैं और कभी-कभी देरी हो जाती है, तो अब आपको राहत मिलेगी। RBI के इस कदम से ग्राहकों पर बोझ कम होगा और बैंकिंग प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी। अब बैंक अपनी मर्जी से अतिरिक्त ब्याज नहीं वसूल पाएंगे और हर चार्ज को स्पष्ट करना अनिवार्य होगा।