Government Employee Update – अगर आप केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) या असम राइफल्स में नौकरी कर रहे हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान जरूर ला सकती है। क्योंकि अब सरकार ने एक ऐसा तोहफा दिया है जो भले ही आर्थिक नहीं है, लेकिन सम्मान और गौरव के मामले में बेहद खास है। जी हां, रिटायरमेंट के ठीक एक दिन पहले आपको “Honorary Rank” यानी मानद पदोन्नति मिलेगी। और ये प्रोमोशन एक रैंक ऊपर तक होगा – बिना किसी तनख्वाह बढ़ोतरी या पेंशन लाभ के।
अब सोच रहे होंगे – ये कैसे मिलेगा? किसे मिलेगा? क्या इसके लिए कोई योग्यता है? तो चलिए इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं।
क्या है ये नया लाभ?
30 मई 2025 को गृह मंत्रालय की ओर से एक आधिकारिक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (जैसे कि BSF, CRPF, ITBP, CISF, SSB) और असम राइफल्स में सिपाही से लेकर सब-इंस्पेक्टर (Sub-Inspector) रैंक तक के कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के दिन एक रैंक ऊपर मानद प्रमोशन दिया जाएगा।
उदाहरण के तौर पर, अगर आप कांस्टेबल के पद पर रिटायर हो रहे हैं, तो आपको हेड कांस्टेबल का मानद पद मिलेगा। अगर आप सब-इंस्पेक्टर हैं, तो आपको इंस्पेक्टर का मानद दर्जा मिलेगा।
यह रैंक केवल नाम और सम्मान के लिए होगा, इससे कोई वेतन या पेंशन लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन समाज में एक अतिरिक्त सम्मान जरूर मिलेगा।
कौन-कौन ले सकता है इस लाभ का फायदा?
अब बात करते हैं कि कौन-कौन इस सुविधा का लाभ उठा सकता है। इसके लिए कुछ पात्रता शर्तें तय की गई हैं, जो इस प्रकार हैं:
पात्रता मानदंड:
- कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय सभी पदोन्नति शर्तें पूरी करनी होंगी
- कर्मचारी का सेवा रिकॉर्ड साफ-सुथरा और अच्छा होना चाहिए
- पिछले 5 वर्षों के APAR (Annual Performance Appraisal Report) में रेटिंग कम से कम “अच्छा” होनी चाहिए
- पिछले 5 सालों में कोई बड़ी सजा या अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई हो
- कर्मचारी की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए
- विभागीय जांच (DE/Vigilance) से क्लियरेंस अनिवार्य है
क्या हैं नियम और शर्तें?
इस मानद प्रमोशन को लेकर कुछ अहम शर्तें भी हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा:
- यह प्रमोशन सिर्फ उसी कर्मचारी को मिलेगा, जिसे कमांडिंग अधिकारी की सिफारिश मिलेगी
- यह पद रिटायरमेंट के अंतिम दिन ही दिया जाएगा, उससे पहले नहीं
- इससे किसी तरह की वेतन वृद्धि या पेंशन में इजाफा नहीं होगा
- मानद पद वही दिया जाएगा जो उस कैडर में उपलब्ध हो
- यह प्रोमोशन वरिष्ठता की गणना (inter-se seniority) को प्रभावित नहीं करेगा
- यह केवल सम्मान स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे कर्मचारी का मनोबल और गौरव बढ़े
क्यों खास है ये सुविधा?
अब आप सोच रहे होंगे कि जब इससे कोई पैसा नहीं मिलेगा, तो फायदा क्या? दरअसल, ये स्कीम उस आत्मिक सम्मान और मनोबल को ध्यान में रखते हुए लाई गई है, जो वर्षों की सेवा के बाद हर जवान और अधिकारी डिजर्व करता है।
मान लीजिए आपने 30–35 साल देश की सेवा की, दिन-रात ड्यूटी की, बॉर्डर पर तैनात रहे, परिवार से दूर रहे – ऐसे में अगर रिटायरमेंट से पहले आपको एक रैंक ऊपर से नवाज़ा जाए, तो ये आपके लिए एक सम्मान का प्रतीक बनता है।
यह ना सिर्फ मन में संतोष लाता है, बल्कि समाज में भी आपकी प्रतिष्ठा बढ़ाता है। रिटायरमेंट के बाद जब लोग आपको एक रैंक ऊपर के नाम से बुलाएं, तो वो एक अलग ही सुकून देता है।
क्या ये स्कीम बाकी सरकारी कर्मचारियों के लिए भी होगी?
फिलहाल ये सुविधा सिर्फ CAPFs और Assam Rifles के गजटेड अधिकारी से नीचे रैंक वाले कर्मियों के लिए लागू की गई है। यानी सिपाही, हेड कांस्टेबल, एएसआई, एसआई जैसे पदों पर लागू होगी। यह योजना अन्य केंद्रीय या राज्य सरकारी विभागों पर लागू नहीं होती।
लेकिन अगर इसका अच्छा रिस्पॉन्स आया और इसे कर्मचारियों द्वारा सराहा गया, तो भविष्य में यह सुविधा अन्य विभागों तक भी पहुंच सकती है।
इस पहल से साफ है कि सरकार अब सिर्फ वेतन और पेंशन की ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों के सम्मान और आत्म-संतोष की भी परवाह कर रही है। यह योजना भले ही आर्थिक लाभ ना दे, लेकिन इसका भावनात्मक मूल्य बहुत बड़ा है।
तो अगर आप या आपके परिवार में कोई CAPF या Assam Rifles में कार्यरत हैं और रिटायरमेंट के करीब हैं, तो इस योजना के तहत आप एक “मानद रैंक” पाने के हकदार हो सकते हैं – बशर्ते आप सभी नियमों को पूरा करते हों।