Gold Loan New Rules – अगर आप भी अपना सोना गिरवी रखकर लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने अप्रैल 2025 में गोल्ड लोन से जुड़े कुछ नए ड्राफ्ट नियम जारी किए हैं, जिनका असर लाखों छोटे किसानों, दुकानदारों और ग्रामीण कर्जदारों पर पड़ सकता है। इन नियमों को लेकर वित्त मंत्रालय ने भी अपनी चिंता जताई है।
वित्त मंत्रालय की चिंता – DFS ने क्या कहा?
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले Department of Financial Services (DFS) ने RBI को सिफारिश भेजी है कि ₹2 लाख से कम के गोल्ड लोन को इन सख्त नियमों से छूट दी जाए। वजह सीधी है – छोटे किसान, ग्रामीण महिलाएं, दुकानदार जैसे लोगों के लिए ये लोन एकमात्र और तुरंत मिलने वाला आर्थिक सहारा होता है।
DFS का कहना है कि अगर RBI के ये नियम जल्दबाज़ी में लागू हुए, तो इससे आम जरूरतमंद वर्ग को लोन मिलने में दिक्कत आ सकती है।
नियम लागू करने के लिए मांगा गया समय
DFS ने RBI से ये भी आग्रह किया है कि नए नियमों को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाए। इससे बैंकों और NBFCs (Non-Banking Financial Companies) को अपने सिस्टम में बदलाव करने का पूरा मौका मिलेगा। ये सिफारिशें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में बनाई गई हैं।
RBI ने क्यों बनाए ये सख्त नियम?
RBI की हालिया जांच में कुछ गंभीर गड़बड़ियां पाई गईं –
- गोल्ड की वैल्यूएशन में पारदर्शिता की कमी
- एजेंट्स द्वारा लोन दिलवाने में अनुचित तरीका
- नीलामी की प्रक्रिया में गड़बड़
- LTV (Loan-to-Value) रेशो की निगरानी कमजोर
इन्हीं खामियों को दूर करने के लिए RBI ने नियमों को सख्त करने की योजना बनाई है।
नए ड्राफ्ट नियम क्या कहते हैं?
- LTV रेशो घटा दिया गया है –
अब गोल्ड लोन पर Loan-to-Value रेशो 75% तक सीमित कर दिया गया है, जिसमें ब्याज भी शामिल होगा। - बुलेट लोन के लिए और सख्ती –
ऐसे लोन जिनमें एकमुश्त रकम चुकाई जाती है, उनके लिए LTV को 55-60% तक घटाया गया है। - EMI लोन को थोड़ी राहत –
जिन लोन में EMI के रूप में भुगतान होता है, उनमें LTV थोड़ा ज्यादा रखने की अनुमति दी गई है। - बैंकों की गोल्ड लोन नीति की समय-समय पर समीक्षा –
RBI अब यह सुनिश्चित करेगा कि बैंक सही प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं या नहीं।
आगे क्या होगा – उम्मीद की किरण
अभी RBI इन ड्राफ्ट नियमों पर जनता और सभी हितधारकों की राय ले रहा है। DFS की सिफारिश भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है। अंतिम फैसला इन सभी सुझावों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि छोटे और ग्रामीण कर्जदारों के हित को प्राथमिकता दी जाएगी।
छोटे कर्जदारों के लिए क्या मतलब है इसका?
अगर आप किसान हैं, किराना दुकान चलाते हैं या सोने के बदले कभी-कभी लोन लेते हैं, तो ये नियम सीधे आप पर असर डाल सकते हैं। लेकिन राहत की बात ये है कि सरकार और DFS दोनों ही कोशिश में हैं कि आपको बिना परेशानी के लोन मिलता रहे।
गोल्ड लोन के नए नियमों को लेकर बाजार में हलचल जरूर है, लेकिन सरकार और RBI दोनों ही आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं। अगर आप गोल्ड लोन लेना चाहते हैं तो घबराएं नहीं, नियमों में बदलाव से पहले आपके हितों की रक्षा की जा रही है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया गोल्ड लोन से जुड़ी सटीक जानकारी और सलाह के लिए अपने नजदीकी बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें। नियमों में समय-समय पर बदलाव संभव हैं।