Gas Cylinder Price Today – आम जनता को जून की शुरुआत में थोड़ी राहत और थोड़ा झटका दोनों मिला है। एक तरफ जहां सरकार ने रसोई गैस की कीमतों में करीब 54.6 रुपए की कटौती कर दी है, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल के रेट में 1 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है। यानी रसोई में राहत तो मिली है लेकिन जेब पर पेट्रोल भरवाते समय हल्की सी मार भी झेलनी पड़ेगी।
गैस सिलेंडर के नए रेट क्या हैं?
पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, घरेलू इस्तेमाल वाले 11.8 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 4.62 रुपए प्रति किलोग्राम की कटौती की गई है। इस हिसाब से अब एक सिलेंडर की कीमत 2,892.53 रुपए से घटकर 2,838.31 रुपए हो गई है।
ये नई कीमतें 1 जून 2025 से पूरे देश में लागू कर दी गई हैं। यह कटौती ऐसे समय में की गई है जब ईद की तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है और घरेलू बजट पर बोझ कुछ कम करना सरकार के लिए एक राहत का संकेत माना जा सकता है।
पेट्रोल और डीजल में क्या बदलाव हुआ?
जहां एक तरफ एलपीजी के दाम घटे हैं, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल के रेट में मामूली बढ़ोतरी की गई है। अब पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल के लिए लोगों को 252.63 रुपए की बजाय 253.63 रुपए चुकाने होंगे।
हालांकि, हाई-स्पीड डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, यानी जो दाम पहले था, वही जून 2025 में भी लागू रहेगा।
कीमतों में कटौती की वजह क्या है?
ओगरा (Oil and Gas Regulatory Authority) के मुताबिक, एलपीजी की कीमतें हर महीने सऊदी अरामको की CP (Contract Price) और डॉलर के विनिमय दर के आधार पर तय की जाती हैं।
मई के महीने में सऊदी अरामको CP में 2.67% की गिरावट देखी गई, जबकि डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया थोड़ा कमजोर हुआ, लेकिन उसका असर बहुत मामूली रहा (केवल 0.35% की बढ़ोतरी)। इन दोनों फैक्टर्स को मिलाकर देखा जाए तो एलपीजी के रेट में 11.8 किलोग्राम वाले सिलेंडर पर करीब 54.6 रुपए की कमी दर्ज की गई है।
जनता को मिली राहत या नहीं?
एलपीजी की कीमत में आई कटौती एक राहत जरूर है, खासकर उन लोगों के लिए जो रसोई गैस पर ही खाना पकाते हैं और जिनके पास पाइपलाइन गैस की सुविधा नहीं है। पाकिस्तान के ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में अब भी अधिकतर घरों में सिलेंडर ही इस्तेमाल होता है, ऐसे में इस कटौती का सीधा फायदा वहां की जनता को मिलेगा।
लेकिन पेट्रोल की कीमत में हुई 1 रुपए की बढ़ोतरी भले ही सुनने में कम लगे, पर इसका असर ट्रांसपोर्ट और दूसरी सेवाओं पर जरूर पड़ेगा। ये धीरे-धीरे महंगाई को थोड़ा धक्का दे सकता है।
पाकिस्तान में एलपीजी के दाम कैसे तय होते हैं?
पाकिस्तान में एलपीजी की कीमतें हर महीने अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से तय होती हैं। खासतौर पर यह सऊदी अरामको CP और डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया कितना मजबूत या कमजोर है, उस पर निर्भर करता है।
अगर अरामको की कॉन्ट्रैक्ट प्राइस घटती है और पाक रुपया मजबूत होता है, तो गैस के दाम कम हो सकते हैं। लेकिन अगर इनमें से कोई एक फैक्टर भी उल्टा हो जाए (जैसे डॉलर महंगा हो जाए), तो रेट बढ़ भी सकते हैं।
क्या आगे भी कीमतों में राहत मिलेगी?
फिलहाल तो जून की शुरुआत राहत भरी मानी जा सकती है, लेकिन अगले महीने की दरें पूरी तरह से वैश्विक बाजार और मुद्रा विनिमय दर पर निर्भर होंगी। अगर तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती हैं और डॉलर भी मजबूत होता है, तो जुलाई में फिर से रेट बढ़ सकते हैं।
सरकार की तरफ से फिलहाल कोई संकेत नहीं दिए गए हैं कि आने वाले महीनों में सब्सिडी या और राहत दी जाएगी।
ईद से पहले मिली यह राहत कितनी अहम है?
ईद जैसे बड़े त्योहार से पहले अगर एलपीजी जैसी जरूरी चीजों की कीमतें थोड़ी कम हो जाएं, तो यह आम आदमी के लिए बड़ी राहत बन जाती है। त्योहारों पर घरों में खाना पकाने की मात्रा बढ़ जाती है, और एलपीजी की खपत भी ज्यादा होती है। ऐसे में 55 रुपए की यह राहत छोटी जरूर दिखती है, लेकिन काम की बहुत बड़ी है।
जनता क्या करे?
अगर आप पाकिस्तान में रहते हैं और एलपीजी सिलेंडर इस्तेमाल करते हैं, तो बेहतर है कि आप जून की शुरुआत में ही एक-दो सिलेंडर खरीद लें। हो सकता है जुलाई में फिर से कीमतें ऊपर चली जाएं।
वहीं, पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल करने वाले लोग भी अपने खर्चे थोड़ा प्लान करके चलें, क्योंकि महंगाई धीरे-धीरे फिर सर उठा रही है।
जून 2025 की शुरुआत पाकिस्तान की जनता के लिए मिली-जुली खबर लेकर आई है। एक तरफ रसोई गैस के दाम में कटौती हुई है जिससे घरों के बजट को थोड़ी राहत मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल की कीमत में हुई बढ़ोतरी से ट्रांसपोर्ट और सामानों की कीमतों पर असर हो सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में सरकार क्या कदम उठाती है – राहत जारी रहती है या फिर जेब पर और बोझ बढ़ता है। फिलहाल के लिए कहा जा सकता है कि एलपीजी की कीमत में आई ये कटौती ईद से पहले एक छोटी लेकिन जरूरी सौगात है।