CIBIL Score – अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो अब सिर्फ लोन मिलने में दिक्कत नहीं होगी, बल्कि नौकरी के मौके भी छिन सकते हैं। हां, आपने सही सुना! अब सरकारी बैंक की नौकरी पाने के लिए भी एक अच्छा सिबिल स्कोर जरूरी हो गया है। ये नया नियम उन लोगों के लिए बड़ा झटका है, जो पहले सोचते थे कि सिबिल स्कोर सिर्फ लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए मायने रखता है।
क्या होता है सिबिल स्कोर और क्यों जरूरी है?
सिबिल स्कोर दरअसल एक तरह की रेटिंग होती है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और लोन चुकाने की आदतों को दिखाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। आमतौर पर 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है और इससे लोन या क्रेडिट कार्ड आसानी से मिल जाता है। लेकिन अगर आपका स्कोर 650 से नीचे है, तो न सिर्फ लोन लेने में मुश्किल आती है बल्कि अब नौकरी भी हाथ से जा सकती है।
IBPS का बड़ा बदलाव – अब बैंक जॉब के लिए भी देखेंगे स्कोर
IBPS यानी इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन ने अब एक नया नियम जोड़ा है। सरकारी बैंक में नौकरी के लिए अब उम्मीदवार का सिबिल स्कोर भी देखा जाएगा। अगर स्कोर कम हुआ, तो आपकी जॉब की दावेदारी पर सीधा असर पड़ेगा।
क्यों लिया गया ये फैसला?
बैंकिंग सेक्टर में काम करने वाले लोग सीधे पैसों से जुड़ते हैं। ऐसे में बैंक चाहती है कि उनके कर्मचारी खुद वित्तीय रूप से जिम्मेदार हों। सोचिए, जो खुद की EMI नहीं चुका पा रहा, उस पर बैंक करोड़ों रुपए का लेन-देन कैसे छोड़ेगी?
650 से कम स्कोर? नौकरी खतरे में
नई नीति के अनुसार, अगर किसी का सिबिल स्कोर 650 से कम है, तो उसे बैंक से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी NOC देना होगा कि उसके ऊपर कोई बड़ा कर्ज बकाया नहीं है। अगर वह ऐसा दस्तावेज नहीं दे पाता, तो बैंक ऑफर लेटर रद्द कर सकता है। यानी स्कोर अच्छा न होने पर इंटरव्यू पास करने के बाद भी नौकरी हाथ से जा सकती है।
सिबिल स्कोर क्यों होता है खराब?
सिबिल स्कोर खराब होने के कई कारण होते हैं:
- लोन या EMI समय पर न चुकाना
- क्रेडिट कार्ड का बिल लगातार लेट करना
- सिर्फ न्यूनतम भुगतान करना और पूरा बिल न चुकाना
- कई लोन या कार्ड के लिए एक साथ आवेदन करना
- गारंटर बनकर फंस जाना, अगर लोन लेने वाला डिफॉल्ट कर जाए
ये सभी बातें मिलकर आपके स्कोर को नीचे गिरा देती हैं और फिर बन जाती हैं बड़ी परेशानी।
कैसे सुधारे अपना सिबिल स्कोर?
अगर आपका स्कोर खराब हो गया है, तो चिंता न करें। कुछ आसान तरीकों से इसे सुधार सकते हैं:
- EMI और क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर करें – समय पर भुगतान से स्कोर धीरे-धीरे ऊपर जाने लगता है।
- क्रेडिट लिमिट का पूरा इस्तेमाल न करें – कोशिश करें कि अपनी लिमिट का 30% से कम ही खर्च करें।
- सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड लें – यह फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलता है और इसका सही इस्तेमाल स्कोर सुधारने में मदद करता है।
- लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार आवेदन न करें – हर बार जब आप आवेदन करते हैं, तो आपका स्कोर थोड़ा घटता है।
- बिल और यूटिलिटी पेमेंट समय पर करें – भले ही ये सीधे स्कोर को न प्रभावित करें, लेकिन कलेक्शन एजेंसी तक जाने पर असर पड़ सकता है।
आने वाले समय में और बढ़ेगा स्कोर का महत्व
ये शुरुआत भर है। अब जब सरकारी बैंक जॉब के लिए सिबिल स्कोर देखा जा रहा है, तो भविष्य में और भी सेक्टर इसे अपनाएंगे। कई प्राइवेट कंपनियां पहले से ही फाइनेंस से जुड़े पदों पर क्रेडिट स्कोर की जांच करती हैं।
अब समय आ गया है कि युवा शुरुआत से ही फाइनेंशली डिसिप्लिन रहें। कॉलेज के दिनों में क्रेडिट कार्ड लेना और समय पर बिल चुकाना आदत बना लें, ताकि आगे चलकर ये आदतें आपके करियर में मददगार साबित हों।
अब सिर्फ लोन नहीं, करियर पर भी असर
यह नई नीति एक बड़ा बदलाव है। अब सिबिल स्कोर सिर्फ लोन के लिए नहीं बल्कि नौकरी के लिए भी अहम बन गया है। यह उन लोगों के लिए चेतावनी है जो अब तक स्कोर को नजरअंदाज करते आ रहे थे। साथ ही यह एक मौका भी है कि आप समय रहते अपने वित्तीय व्यवहार में सुधार लाएं और भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
अगर आप बैंक की नौकरी पाना चाहते हैं, तो अब सिर्फ पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी काफी नहीं है। आपको अपने क्रेडिट स्कोर पर भी ध्यान देना होगा। 650 से ऊपर का स्कोर बनाए रखें, EMI समय पर चुकाएं और किसी भी तरह की वित्तीय लापरवाही से बचें। तभी आप न केवल लोन ले पाएंगे, बल्कि नौकरी भी पक्की कर पाएंगे।