Property Documents – आज के जमाने में प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना बड़ा सोच-समझकर करने वाला काम हो गया है। महंगाई और बढ़ती जमीन की कीमतों के साथ साथ, ठगी और विवाद के मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में जब आप कोई भी घर, फ्लैट या जमीन खरीदने जाएं, तो सिर्फ आकर्षक दिखावे या कम कीमत पर फंस जाना भारी पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि प्रॉपर्टी से जुड़े सारे कागजात यानी डॉक्यूमेंट अच्छे से जांच लिए जाएं।
यहां हम आपको उन सभी जरूरी प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स के बारे में बताएंगे, जिनके बिना आप प्रॉपर्टी खरीदेंगे तो बाद में मुश्किलों में फंस सकते हैं। 90 प्रतिशत लोग इन कागजात की अहमियत को समझते ही नहीं हैं, इसलिए उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
रेरा सर्टिफिकेट (RERA Certificate) – सबसे पहला और जरूरी दस्तावेज़
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी RERA का मकसद है प्रॉपर्टी खरीदने वाले को सुरक्षा देना। अगर कोई बिल्डर या डेवलपर रेरा के तहत पंजीकृत है, तो इसका मतलब है कि उसकी प्रोजेक्ट की जांच-पड़ताल हुई है और वह नियमों का पालन कर रहा है।
आपको प्रॉपर्टी खरीदने से पहले यह जरूर देखना चाहिए कि उस प्रोजेक्ट का रेरा सर्टिफिकेट मौजूद है या नहीं। इससे आपको पता चलेगा कि प्रोजेक्ट लीगल है या नहीं, और बिल्डर पर कोई केस तो नहीं चल रहा।
सेल एग्रीमेंट (Sale Agreement) – कागज पर लिखी हुई पूरी डील
जब आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए सहमति बनाते हैं, तो सेल एग्रीमेंट सबसे अहम दस्तावेज होता है। इसमें प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी जैसे कि लोकेशन, आकार, कीमत, कब्जे की तारीख, भुगतान के नियम आदि स्पष्ट रूप से लिखे होते हैं।
बिना सेल एग्रीमेंट के किसी भी प्रॉपर्टी पर दावा करना मुश्किल होता है। साथ ही अगर आपको होम लोन लेना है, तो बैंक या फाइनेंस कंपनी यह दस्तावेज मांगेगी। इसलिए इसे ध्यान से पढ़ें और समझें कि इसमें कोई ऐसा नियम तो नहीं जो आपको बाद में दिक्कत में डाल सके।
ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (Occupancy Certificate) – कब्जे की वैध अनुमति
ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट स्थानीय नगर निगम या प्राधिकरण द्वारा दिया जाता है। यह बताता है कि प्रॉपर्टी का निर्माण स्थानीय नियमों और बिल्डिंग कोड के अनुसार हुआ है और उसे कब्जा करने की मंजूरी मिल चुकी है।
अगर यह सर्टिफिकेट नहीं है, तो आपको कब्जा लेना मुश्किल हो सकता है और प्रॉपर्टी की वैधता भी संदिग्ध हो सकती है। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने से पहले ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जरूर मांगें।
एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate) – प्रॉपर्टी पर कोई ऋण या बंधक तो नहीं?
एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट यह बताता है कि प्रॉपर्टी पर कोई बंधक, लोन या ऋण तो नहीं है। कई बार प्रॉपर्टी गिरवी रखी होती है या उस पर कोई विवाद चल रहा होता है, जिसकी जानकारी बिना जांच के नहीं मिल पाती।
इसलिए जब भी कोई जमीन या घर खरीदें, एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट जांचें ताकि बाद में किसी भी तरह के कानूनी झंझट से बचा जा सके।
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) – स्थानीय प्राधिकरण की मंजूरी
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट स्थानीय प्रशासन या नगर निगम द्वारा जारी किया जाता है। यह प्रमाणित करता है कि प्रॉपर्टी की बिक्री में कोई बाधा नहीं है और स्थानीय प्राधिकरण को प्रॉपर्टी की बिक्री पर कोई आपत्ति नहीं है।
यह सर्टिफिकेट बिल्डर से मांगें ताकि आप यह सुनिश्चित कर सकें कि प्रॉपर्टी की बिक्री पूरी तरह से लीगल है।
मालिकाना हक़ का प्रमाण पत्र (Ownership Document) – असली मालिक कौन?
यह दस्तावेज़ प्रॉपर्टी के असली मालिक की पहचान करता है। मालिकाना हक का प्रमाण पत्र जमीन या मकान के मालिक की जानकारी देता है। बिना इस प्रमाण पत्र के, आप प्रॉपर्टी के सही मालिक को नहीं जान पाएंगे।
इसलिए इस दस्तावेज़ की जांच करना जरूरी होता है ताकि आपको पता चले कि जो प्रॉपर्टी आप खरीद रहे हैं, वह सच में उसी के नाम पर है या नहीं।
प्रॉपर्टी टैक्स रसीद (Property Tax Receipts)
अगर आप प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो पिछले मालिक की प्रॉपर्टी टैक्स रसीद भी देखें। इससे आपको पता चलेगा कि प्रॉपर्टी के ऊपर कोई टैक्स बकाया तो नहीं है।
अगर टैक्स बकाया है, तो उस राशि का निपटारा खरीद से पहले करना होगा।
आईडी प्रूफ और विक्रेता के कागजात
जब भी आप प्रॉपर्टी खरीदें, विक्रेता के आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे पहचान पत्र भी मांगें। इससे आपको उसकी पहचान में मदद मिलेगी और फर्जीवाड़े से बचा जा सकेगा।
लोन क्लियरेंस सर्टिफिकेट (Loan Clearance Certificate)
अगर प्रॉपर्टी पर कोई लोन लिया गया था और उसे चुकता कर दिया गया है, तो विक्रेता से लोन क्लियरेंस सर्टिफिकेट जरूर मांगें। इससे यह साबित होगा कि प्रॉपर्टी पूरी तरह से मुक्त है।
बैंक स्टेटमेंट और भुगतान के सबूत
जो भी पेमेंट आपने प्रॉपर्टी के लिए किया है, उसके बैंक स्टेटमेंट, चेक, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के सबूत संभाल कर रखें। ये सबूत बाद में आपकी सुरक्षा करेंगे।
आखिरी सलाह – कानूनी सलाह लें और चौकस रहें
प्रॉपर्टी खरीदना सिर्फ पैसे का मामला नहीं, बल्कि भविष्य का बड़ा निवेश है। इसलिए हर दस्तावेज़ को ध्यान से पढ़ें, समझें और अगर जरूरत हो तो किसी वकील से सलाह लें।
छोटा सा ध्यान न देने से लाखों का नुकसान हो सकता है। इसलिए सतर्कता से काम लें और सुरक्षित प्रॉपर्टी खरीदें।
प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में ये डॉक्यूमेंट्स आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा हैं। रेरा सर्टिफिकेट, सेल एग्रीमेंट, ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट, एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट, और अन्य जरूरी कागजात न सिर्फ आपकी खरीद को वैध बनाते हैं बल्कि बाद में होने वाले विवादों से भी बचाते हैं।
अपने सपनों के घर को सुरक्षित बनाने के लिए इन दस्तावेजों की जांच और रखरखाव कभी न भूलें।