Toll Tax Rules – अगर आप भी अक्सर हाईवे पर सफर करते हैं और टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों में लगकर टोल टैक्स चुकाते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद काम की है। भारत सरकार ने कुछ लोगों और वाहनों के लिए टोल टैक्स पूरी तरह माफ कर दिया है। यानी अब उन लोगों को देश के किसी भी टोल बूथ पर एक भी पैसा नहीं देना होगा।
सरकार की इस नई लिस्ट में वो लोग और वाहन शामिल किए गए हैं जिनकी जिम्मेदारियां खास होती हैं, जिनका काम देशहित में होता है या जो आपातकालीन सेवाओं से जुड़े होते हैं।
तो आइए जानते हैं कि किन-किन लोगों को टोल टैक्स से छूट दी गई है और ये नियम आखिर कैसे काम करते हैं।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और जज को टोल नहीं देना होगा
सबसे पहले बात करें देश के संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की, तो उन्हें टोल टैक्स से पूरी छूट मिलती है। इसमें शामिल हैं:
- भारत के राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- राज्यों के मुख्यमंत्री
- राज्यपाल
- सांसद (Member of Parliament)
- सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीश
इन लोगों के काफिले और सरकारी वाहनों को देशभर के किसी भी टोल प्लाजा पर रोकने की इजाजत नहीं है। उनका काम इतना अहम होता है कि उनकी हर एक मूवमेंट को फास्ट ट्रैक किया जाता है।
सेना और वीरता पुरस्कार विजेताओं के लिए फ्री है टोल
देश की सुरक्षा में तैनात सेना, नौसेना और वायुसेना के वाहनों को टोल नहीं देना पड़ता। उनके लिए यह छूट हमेशा से रही है क्योंकि उनका मूवमेंट त्वरित और संवेदनशील होता है।
इसके अलावा जो लोग देश की रक्षा या सेवा में वीरता पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, जैसे:
- परमवीर चक्र
- महावीर चक्र
- अशोक चक्र
- कीर्ति चक्र
- शौर्य चक्र
उन्हें भी टोल टैक्स से छूट दी गई है। हां, ध्यान रहे कि इस छूट का लाभ तभी मिलेगा जब वे प्रमाणपत्र साथ रखें।
एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस को भी नहीं देना होगा टोल
एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस वाहनों और अन्य आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को भी टोल फ्री रखा गया है।
मान लीजिए कोई गंभीर मरीज को अस्पताल ले जाया जा रहा है, और टोल पर रुकना पड़ा – तो ये उसकी जान पर भारी पड़ सकता है। इसी वजह से टोल बूथ पर इन वाहनों को बिना रोके पास किया जाता है।
सरकारी बसों और दोपहिया वाहनों को भी राहत
बहुत सारे लोग नहीं जानते, लेकिन राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही पब्लिक ट्रांसपोर्ट बसें, जैसे सरकारी रोडवेज बसें – इन्हें भी टोल टैक्स से छूट मिली हुई है। इसका कारण ये है कि ये बसें आम जनता की सेवा के लिए होती हैं, न कि कमाई के लिए।
इसके अलावा मोटरसाइकिल और स्कूटर जैसे दोपहिया वाहनों को भी टोल टैक्स से मुक्त रखा गया है। क्योंकि ये गाड़ियां न तो ज्यादा जगह घेरती हैं और न ही सड़कों को ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं। इससे मिडल क्लास लोगों को बड़ी राहत मिलती है।
दो बार आने-जाने पर कम देना होगा टोल
एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के एक शानदार नियम के तहत, अगर कोई ड्राइवर 24 घंटे के अंदर एक ही टोल से दो बार गुजरता है, तो उसे दोनों बार का पूरा टोल नहीं देना होता।
उसे केवल पहली बार के टोल का डेढ़ गुना ही देना होता है।
यह नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो:
- रोजाना ऑफिस या व्यापार के लिए आते-जाते हैं
- सीमावर्ती इलाकों में रहते हैं
- डेली ट्रैवल करते हैं
बस जरूरत है टोल की रसीद संभालकर रखने की।
किस पर कितना टोल लगता है? जानिए टोल की दरें
टोल टैक्स की दरें गाड़ी के आकार और वजन पर निर्भर करती हैं:
- कार/जीप/वैन: सबसे कम टोल
- बस/ट्रक: ज्यादा टोल
- मल्टी एक्सल वाहनों और भारी वाहनों पर सबसे ज्यादा टोल
सरकार ने सभी टोल बूथ पर एक मानक दरें तय की हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और मनमानी नहीं हो पाती।
अगर आप ऊपर बताई गई किसी भी कैटेगरी में आते हैं, तो आपके लिए यह खबर राहत देने वाली है। लेकिन याद रहे, हर छूट के साथ नियम भी जुड़ा होता है, इसलिए जरूरी दस्तावेज और पहचान साथ रखें।
और हां, अगर आप आम नागरिक हैं तो भी टोल की रसीद रखना न भूलें – हो सकता है आपकी अगली यात्रा में वो आपको छूट दिला दे।