Bank Cheque Rule – आज के समय में भले ही Google Pay, PhonePe, Paytm और Netbanking जैसे डिजिटल पेमेंट के तरीकों ने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली हो, लेकिन चेक का महत्व अभी भी खत्म नहीं हुआ है। खासकर जब बात बड़े लेन-देन की हो, जैसे जायदाद की खरीद-फरोख्त, कंपनियों के भुगतान या फिर गारंटी के तौर पर पैसों का लेन-देन, वहां आज भी चेक का इस्तेमाल किया जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चेक के पीछे साइन करना कब जरूरी होता है? ज़्यादातर लोग इस नियम को लेकर भ्रम में रहते हैं। कई बार तो बैंक में चेक रिजेक्ट हो जाता है सिर्फ इसलिए कि उसके पीछे साइन नहीं किया गया होता। ऐसे में अगर आप भी चेक से लेनदेन करते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद काम का है।
चेक के प्रकार और उनके नियम
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि चेक के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं और हर चेक पर साइन करने का नियम अलग होता है।
1. बियरर चेक (Bearer Cheque):
बियरर चेक वह होता है जिसे जिसके पास चेक है वही बैंक से पैसे निकाल सकता है, चाहे वह कोई भी हो। ऐसे चेक में किसी व्यक्ति का नाम लिखा हुआ नहीं होता।
- अगर आप किसी को बियरर चेक दे रहे हैं, तो यह जरूरी है कि चेक के पीछे साइन किया जाए।
- ऐसा इसलिए ताकि बैंक को यह भरोसा हो कि चेक देने वाले ने अपनी मर्जी से यह ट्रांजैक्शन किया है।
- यदि यह चेक चोरी हो जाए और आपके साइन के बिना कोई दूसरा व्यक्ति इसे भुनाने की कोशिश करे, तो बैंक उसे स्वीकार नहीं करेगा।
2. ऑर्डर चेक (Order Cheque):
इस चेक में किसी विशेष व्यक्ति का नाम लिखा होता है और सिर्फ वही व्यक्ति इसे बैंक में जमा कर सकता है या कैश करवा सकता है।
- ऑर्डर चेक के पीछे साइन करना जरूरी नहीं होता क्योंकि यह पहले से ही एक नामित व्यक्ति को संबोधित होता है।
- यदि कोई दूसरा व्यक्ति इस चेक को जमा करता है, तो उसे proper authorization या endorsement देना होगा।
3. पेय चेक (Payee Cheque):
यह चेक भी किसी खास व्यक्ति के नाम पर होता है, लेकिन इसे सिर्फ अकाउंट में जमा किया जा सकता है, कैश नहीं कराया जा सकता।
- इसमें भी चेक के पीछे साइन करने की आवश्यकता नहीं होती।
चेक के पीछे साइन क्यों करवाता है बैंक?
अब सवाल आता है कि जब सभी चेक पर साइन जरूरी नहीं है, तो फिर बैंक क्यों साइन करने के लिए कहता है?
- कई बार सिग्नेचर वेरीफिकेशन के लिए बैंक चेक के पीछे साइन करवाता है, ताकि यह पुष्टि हो सके कि देने वाले व्यक्ति का साइन सही है।
- अगर कोई तीसरा व्यक्ति आपके बियरर चेक को लेकर बैंक जाता है, तो बैंक पीछे साइन करवाकर यह सुनिश्चित करता है कि यह ट्रांजैक्शन आपकी जानकारी में हो रहा है।
- बैंक इस प्रक्रिया से अपनी सुरक्षा और आपकी सहमति दोनों सुनिश्चित करता है।
खुद के खाते से पैसे निकालने पर क्या करें?
- अगर आप खुद ही अपने खाते से पैसे निकालने के लिए बियरर चेक इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको पीछे साइन करने की जरूरत नहीं है।
- लेकिन फिर भी कई बैंक अतिरिक्त सुरक्षा के लिए साइन की मांग कर सकते हैं, खासकर अगर अमाउंट ज्यादा हो।
50 हजार रुपये से ज्यादा की रकम पर क्या होता है?
अगर चेक की रकम ₹50,000 से अधिक है, तो बैंक:
- आपका Address Proof या ID Proof मांग सकता है।
- यह विशेष रूप से तब जरूरी होता है जब चेक बियरर हो और तीसरे व्यक्ति द्वारा जमा किया जाए।
ध्यान देने योग्य बातें
- चेक कभी भी खाली साइन करके किसी को न दें, क्योंकि इससे आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है।
- अगर आप किसी को बियरर चेक दे रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि वह व्यक्ति भरोसेमंद हो।
- रसीद जरूर बनवाएं, खासकर जब बड़ी रकम चेक से दी जा रही हो।
- अगर संभव हो तो पेय या अकाउंट पेयी चेक का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि यह ज्यादा सुरक्षित होते हैं।
डिजिटल युग में भी चेक का महत्व बना हुआ है और इसके नियमों को समझना हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है जो बैंकिंग से जुड़ा हुआ है। चेक के पीछे साइन कब करना है और कब नहीं, यह जानकर आप खुद को अनावश्यक परेशानियों से बचा सकते हैं।
तो अगली बार जब आप चेक भरें, तो इन नियमों को ज़रूर याद रखें और दूसरों के साथ भी यह जानकारी साझा करें।